15 मीटर से ऊंची इमारतों में होंगे फायर ऑफिसर, फायर इंजीनियर देगा सर्टिफिकेट

भोपाल. बहुमंजिला इमारतों में आग की बढ़ती घटनाओं से सबक लेते हुए नगरीय विकास विभाग भूमि विकास नियम 2012 में अहम संशोधन करने जा रहा है। नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत हो रहे इन बदलावों के मुताबिक अब 15 मीटर से ऊंचे भवनों में फायर ऑफिसर और फायरमैन रखना जरूरी होगा। इन लोगों का नगर निकायों में रजिस्ट्रेशन होगा।


इसके अलावा बहुमंजिला इमारत या बड़े आकार के प्लॉट पर होने वाले निर्माण में नक्शे की मंजूरी के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ ही फायर इंजीनियर की भूमिका शुरू होगी। इसी के सुपरविजन में इमारत बनेगी। ये आर्किटेक्ट की तरह भवन के लेआउट से ही काम शुरू कर देंगे। इमारतों में इनका सर्टिफिकेट लगाना होगा। इनके प्रमाणित करने के बाद ही इमारत की बिल्डिंग परमिशन मंजूर होगी।


ऐसे बनेंगे फायर इंजीनियर
ये इंजीनियर नेशनल बिल्डिंग कोड भाग-4 के तहत आने वाले सभी प्रकार के भवनों के लिए फायर सेवा से जुड़े कामों के लिए अधिकृत होंगे। फायर इंजीनियर बनने रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इनका रजिस्ट्रेशन मान्यता प्राप्त भारतीय या विदेशी विश्वविद्यालय में आग और सुरक्षा अभियांत्रिकी में ग्रेजुएट होने पर हो सकेगाा। तीन साल के कार्य का अनुभव भी मान्य किया गया है।


किन भवनों में नियम होंगे लागू
 1- व्यवसायिक भवन- उंचाई 30 मीटर से अधिक होने पर
2- आवासीय भवन-उंचाईं 60 मीटर से अधिक हो तो
3- संस्थागत भवन- उंचाई 15 मीटर से अधिक होने से
4- शैक्षणिक भवन-उंचाईं 15 मीटर से ज्यादा होने पर
5- सभी होटल व शापिंग मॉल


नियम बदल रहे हैं
नेश्नल बिल्डिंग कोड के मुताबिक नियमों में संशोधन किया जा रहा है। बड़े भवनों के निर्माण में लिए फायर इंजीनियर, फायर मैन और फायर गार्ड रखना अनिवार्य होगा।
- पी. नरहरि, आयुक्त, नगरीय विकास एवं आवास